कालातीत जीवन कौशल
आपको बनायें जीविका के लिए तैयार, जीवन के लिए तैयार
क्या हैं कालातीत जीवन कौशल?
स्वस्थ, सार्थक, आनंदमय जीवन जीने का आधार
21वीं सदी में सफलता के लिए आवश्यक
जीवन के लिए तैयार
- आत्म-नियमन (self-regulation)
- आत्म-निर्देशन (self-direction)
- स्व-प्रेरणा (self-motivation)
- भावनात्मक परिपक्वता (emotional maturity)
- भावनात्मक लचीलापन (resilience)
- अनुकूलन क्षमता (adaptability)
- धैर्य, साहस, संकल्प (grit)
जीविका के लिए तैयार
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गहरी, स्वतन्त्र सोच (critical thinking)
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रचनात्मक सोच (creative thinking)
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नेतृत्व (initiative, leadership)
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संवेदनशील सहकार्यता (empathetic collaboration)
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जटिल समस्याओं के नवीन समाधान ढूंढने की क्षमता
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प्रौद्योगिकी का व्यावहारिक ज्ञान (comfort with technology)
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वित्तीय साक्षरता (financial literacy)
आवश्यकता ?
छात्रों में प्रासंगिक जीवन कौशल और उचित मानसिक गुण विकसित करना क्यों आवश्यक है ?
1. आँकड़े बता रहे हैं नए कौशल सीखने की अत्यावश्यकता
- राष्ट्रीय सर्वेक्षणों के अनुसार, भारत में अल्प-सुविधाप्राप्त और अधिकांश ग्रामीण बच्चों में आयु-उपयुक्त साक्षरता और संख्यात्मक कौशल का अभाव है।
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में 5% से कम कामकाजी आबादी को औपचारिक कौशल प्रशिक्षण मिला है।
- लगभग 10-30% युवा (10-24 साल की उम्र) स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले व्यवहार से ग्रस्त हैं जैसे पोषण संबंधी विकार, तंबाकू और हानिकारक शराब का उपयोग, जोखिम वाले यौन व्यवहार, तनाव और सामान्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं।
- भारत के लगभग 12 करोड़ युवा एक जनसांख्यिकीय लाभांश बनें इसके लिए जरूरी है की वे सही ज्ञान, कौशल और मानसिक गुण विकसित कर आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनें और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।
2. विघटनकारी प्रौद्योकियाँ और नौकरियों का ध्रुवीकरण
मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण कंप्यूटर अब जटिल संज्ञानात्मक कार्य (complex cognitive tasks) करने के काबिल होते जा रहे हैं जो अब तक हमें लगता था केवल हम मनुष्य ही कर सकते हैं। इस कारण रोज़गार और उद्यमिता का स्वरूप बदल रहा है। अर्थशास्त्रियों के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था रेत-घड़ी का आकार ले रही है – उच्च-कौशल अधिक-वेतन वाली नौकरियां और निम्न-कौशल कम-वेतन वाली नौकरियां तो आने वाले दशकों में रहेंगी, लेकिन मध्य-स्तरीय नियम-आधारित नौकरियाँ लुप्त हो जाएंगी क्योंकि ऐसे काम को AI-कंप्यूटर हम मनुष्यों की तुलना में अधिक कुशलता से कर सकेंगे। रेत-घड़ी आकार की वैश्विक अर्थव्यवस्था नौकरियों के ध्रुवीकरण को दर्शाती है। आज युवा यदि सही कौशल नहीं सीखते हैं, जो उन्हें उच्च-कौशल अधिक-वेतन वाली नौकरियों या उद्यमिता की ओर नहीं ले जाते तो लाज़मी है कि वे निम्न-कौशल कम-वेतन रोज़गार की ओर जाएंगे क्योंकि मध्य-स्तरीय काम मिलना तो कम ही होता जायेगा। जॉब-स्पेक्ट्रम के निचली ओर बढ़ती आपूर्ति और स्थिर माँग आय को और कम करेगी और बेरोजगारी बढ़ायेगी।
3. निर्धारित पाठ्यक्रम की कमियाँ
कल्पना कीजिये, शिक्षा की DNA के डबल-हीलिक्स जैसी संरचना है – तो शिक्षा के DNA का पहला सूत्र है औपचारिक शिक्षा, जो विषय-ज्ञान और डिग्री हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन परीक्षा और अधिक अंक लाने की अंधी दौड़ के कारण आज औपचारिक शिक्षा विषय-ज्ञान को रट कर इम्तेहान में उगलने पर ध्यान देती है। छात्रों को अक्सर अपने विषय की मौलिक अवधारणाओं की गहरी समझ नहीं होती और असल ज़िन्दगी में गहरी समझ ही सफलता का कारण बनती है। इसीलिए आज डिग्री होने के बावजूद भी छात्रों को अच्छी नौकरी नहीं मिलती क्योंकि उनकी उथली समझ ज़िन्दगी की किसी जटिल समस्या के नवीन समाधान ढूंढने के सक्षम नहीं होती।
ग्रामीण विद्यालयों में हमारी कार्यशालाओं की एक झलक
हमारा काम
ग्रामीण विद्यालयों के साथ काम
2013 से हम उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, गुजरात और तमिल नाडु के 20+ ग्रामीण विद्यालयों के साथ काम कर रहें हैं। इन विद्यालयों में हम छात्रों और अध्यापकों को कालातीत जीवनकौशल सीखाने के लिए निःशुल्क कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं। साथ ही वीडियो-कांफ्रेंस और WhatsApp के ज़रिये हम remote-mentoring भी प्रदान करते हैं। इन विद्यालयों में हमनें STEM 2.0 Labs भी लगाए हैं ताकि विद्यार्थी कंप्यूटर, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स, वर्चुअल रीऐलीटी, एनीमेशन, फिल्म-मेकिंग और ड्रोन्स जैसी उभरती टेक्नोलॉजी से परिचित हो पायें।
छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए
हमारे YouTube चैनल पर 21वीं सदी में आवश्यक जीवन कौशल पर 150 से अधिक वीडियो टुटोरिअल हिंदी में उपलब्ध हैं। वीडियो-कांफ्रेंस के ज़रिये हम Get Mentored जैसे प्रोग्राम का आयोजन भी करते हैं जहाँ हम विभिन्न क्षेत्रों के टॉप प्रोफेशनल्स को आमंत्रित करते हैं ताकि वे छात्रों के साथ उस क्षेत्र की जानकारी साझा करेँ और करियर से संबंधित सलाह प्रदान करेँ। शीघ्र ही हमारी वेबसाइट पर २१वीं सदी में आवश्यक कौशल और मानसिक गुणों पर निःशुल्क ऑनलाइन कोर्सेज भी उपलब्ध कराये जायेंगे और ऑनलाइन लर्निंग कम्युनिटी भी बनायीं जाएँगी।